Cheats Gravity Without Electricity 700 Year Old Tech
The Palace That Cheats Gravity Without Electricity: Unveiling the Secrets of Alhambra's Invisible Clock
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Alhambra Palas |
Cheats Gravity Without Electricity heard of a palace that seems to defy the laws of physics, boasting an invisible clock powered by water pressure and a sophisticated water system that operates without electricity? Prepare to be amazed as we delve into the incredible engineering marvel that is the Alhambra Palace in Granada, Spain. This 14th-century fortress holds secrets that will leave you in awe of the ingenuity of its creators.
In the 14th century, the city of Cordoba fell to enemy forces, leaving
only one city unconquered: Granada.
For two
centuries, enemy armies tried to invade Granada, but they were unable to breach
the city's defenses.
The key to
Granada's resilience was the Alhambra Palace, strategically built in a location
that made it nearly impossible for enemies to reach.
The Challenge:
Water at 700 Meters
The Alhambra
Palace was built on a mountain, approximately 700 meters
above the nearest river. This presented a significant challenge: how to supply
water to the palace without electricity or motors?
Simply having
servants carry water would expose them to enemy attacks.
The architects
needed a solution that was both efficient and secure.
An Engineering
Marvel: Water Without Electricity
The architects of
the Alhambra Palace devised an ingenious system to bring water to the palace
and power its many features.
Gravity Defied:
The system allowed water to flow uphill automatically, seemingly defying
gravity.
Advanced
Features: The palace boasted showers, washbasins, running water, automatic
floor heating in the bathrooms, and even a 14th-century
steam room.
Fountains and
Gardens: The palace gardens were adorned with fountains that operated without
electricity.
The Secret: A
Platonically Inclined System
The key to the
Alhambra's water system was a series of interconnected elements:
Canal
Construction: A canal was built from the highest point of the Darro River to
the palace.
Overhead Water
Tank: A large pool was constructed on the mountain above the palace to create
water pressure.
Underground Well:
A well was dug 60 meters below the pool, connected to the
river by another canal.
Hydraulic Water
Wheel System: A drum system, powered by animals, lifted water from the well to
the pool.
The Invisible
Clock: Telling Time with Water
One of the most
remarkable features of the Alhambra Palace was its invisible clock, powered by
water pressure.
The Fountain of
Lions: This fountain features 12 lions, each representing
an hour.
Water-Powered
Mechanism: Every hour, water would flow from the mouth of a different lion,
indicating the time.
Ingenious Design:
A ball with small holes regulated the flow of water, ensuring that each lion
released water precisely one hour apart.
Automatic Reset:
At 12 o'clock, the fountain would automatically reset,
emptying the water and preparing for the next cycle.
Beyond Time:
Heating and Steam
The water from
the clock was not wasted. It was channeled through an underground tunnel to a
boiler, where it was heated and used to warm the floors of the royal bathrooms
and steam rooms.
Defying Gravity
Again: The Whirlpool System
Even at the
highest point of the palace, water was made to climb 6
meters using a whirlpool system.
Air Bubbles: The
whirlpool created air bubbles in the water, making it lighter and allowing it
to rise.
A Legacy of
Innovation
The Alhambra
Palace stands as a testament to the ingenuity and resourcefulness of its
creators. They achieved remarkable feats of engineering using simple physics
and natural resources, creating a palace that was both beautiful and
functional.
Built by:
Mohammed bin Yusuf ben Nasr (also known as Al-Ahmar).
Conclusion: A
Timeless Wonder
The Alhambra
Palace is more than just a historical site; it's a living example of human
innovation and creativity. Its invisible clock, gravity-defying water system,
and stunning architecture continue to inspire awe and wonder.
14 सेंचुरी का एक ऐसा किला जिसने ग्रेविटी को धोखा दिया पहाड़ पर 700 मीटर की ऊंचाई पर होने के बावजूद भी पानी खुद बखुद आ रहा है ये सारी बातें सुनने में आपको काफी अन बिलीवेबल लग रही होंगी लेकिन ये कोई कल्पना नहीं है यह पैलेस एक्चुअली में एजिस्ट करता है।
एक ऐसा महल जिसमें मौजूद है घड़ी जो कि पानी के प्रेशर से चलती है और वो घड़ी इनविजिबल है मतलब अगर आप पूरे किले की भी छान मारोगे तो भी आपको वो घड़ी मिलेगी नहीं लेकिन वो घड़ी आपकी आंखों के सामने ही होगी और आज मैं आपको वही इनविजिबल घड़ी और वो सिस्टम के बारे मे बताने वाला हूं जिसके कारण यह पैलेस ग्रेविटी को धोखा देता है।
14 सेंचुरी के आसपास स्पेन में एक शहर था जिसकी सीमाएं चारों तरफ से उसकी ऊंची ऊंची दीवारों की वजह से सिक्योर्ड थी इस शहर का नाम था कॉर्डोबा बरसात की एक रात को इस शहर के पहरे दार दुश्मनों से इस शहर की सीमा की निगरानी कर रहे थे लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि दुश्मन की आर्मी उनके शहर के ऊपर एक सरप्राइज अटैक प्लान कर रही है रात के अंधेरे में हुए इस हमले से कोल्डो बा की आर्मी संभल नहीं पाई और उनकी इस हमले में हार हुई पूरे शहर पर दुश्मन की आर्मी ने कब्जा कर लिया और इसी आर्मी के हमलों की वजह से उस इलाके में मौजूद हर शहर एक-एक करके उनके कब्जे में आता जा रहा था लेकिन एक शहर ऐसा था जिसे वो लोग हरा नहीं पा रहे थे और इस सिटी का नाम था ग्रेनाडा करीब 200 सालों तक की गई लगातार कोशिश के बावजूद दुश्मन की कोई भी सेना इस शहर के किले को भेद ही नहीं पाती थी इसके सैनिकों से जीत नहीं पाती थी और ना ही ग्रेनाडा शहर पर कब्जा कर पाती थी और इसके पीछे सबसे बड़ा रीजन था उस शहर का पैलेस इस पैलेस को इतनी स्ट्रेटेजिक लोकेशन पर बनाया गया था कि उस तक दुश्मन का पहुंच पाना लगभग नामुमकिन था इस किले का नाम था अलबरा पैलेस और आज मैं आपको इसी पैलेस के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने वाला हूं जो शायद आपने कभी पहले सुनी ही नहीं होंगी।
पैलेस ऐसी खतरनाक जगह पर बनाया गया था जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता मतलब ये जगह इसलिए खतरनाक नहीं थी कि यहां पर शेर चीते हैं बल्कि ये जगह इसलिए खतरनाक थी क्योंकि यहां पर पानी नहीं था इस पैलेस की लोकेशन से सबसे पास की जो नदी है उससे यह पहाड़ी करीब 700 मीटर ऊंचाई पर है और जिस टाइम ये किला बनाया जा रहा था उस टाइम इलेक्ट्रिसिटी तो नही थी सबसे बड़ा चैलेंज ये था कि इतनी ऊंचाई पर मौजूद किले में पानी को पहुंचाया कैसे जाएगा अब आप सोचोगे उसमें कौन सी बड़ी बात है राजा महाराजाओं के पास हजारों और लाखों में नौकर होते हैं वो सब एक-एक बाल्टी लेकर नदी में जाएंगे और पानी को लेकर महल में आ जाएंगे लेकिन अगर ये सिस्टम ये लोग फॉलो करते तो फिर दुश्मन को इन पर हमला करने का और इनके किले में घुसने का एक सीधा-सीधा रास्ता मिल जाता और इसीलिए इस किल्ले को बनाने वाले आर्किटेक्ट्स ने कुछ ऐसा कमाल करके दिखाया जिसे आपने कभी जिंदगी में नहीं देखा होगा और ये मैं ऐसे ही नहीं बता रहा हूं ये पैलेस आज भी मौजूद है और इसका जो सिस्टम है वो आज भी वैसे ही चल रहा है जैसा कि उस शताब्दी में चलता था इसमें महल में शावर है वॉस वेशन है पानी की व्यवस्था है मतलब नल है बाथरूम का जो फ्लोर है उसमें ऑटोमेटिक हीटिंग होती है और साथ ही यहां पर मौजूद है 14वीं शताब्दी का स्टीम रूम और ये महल कोई छोटा-मोटा टू बीएचके का महल नहीं है ये बहुत बड़ा किला है और यहां पर हर कोने में फोर्स के साथ पानी पहुंचाना विदाउट इलेक्ट्रिसिटी विदाउट मोटर एंड विदाउट द सोर्स ऑफ वोटर बहुत बड़ा इंजीनियरिंग मिशाल है तुम यहां के गार्डेंस देखो यहां के गार्डन में बड़े-बड़े फाउंटेन लगे हुए हैं बहुत सारे यहां पर छोटे-छोटे फव्वारे लगे हुए हैं और इनमें विदाउट इलेक्ट्रिसिटी पानी आ रहा है।
अब तुम सोचो कैसे इस पैलेस को बनाने वाले आर्किटेक्ट ने ये कमाल करके दिखाया ये जो पैलेस है ना ये एक प्लाटोनिकली तक पानी ऑटोमेटिक ऊपर चढ़ाने का मतलब है ग्रेविटी को धोखा देना और आपको तो मालूम ही है कि धोखा देने के लिए चाहिए होता है दिमाग यहां पर आर्किटेक्ट्स ने क्या दिमाग लगाया डारो नदी के साथ-साथ चलते हुए उन्होंने इस नदी का सबसे हाइजेस्ट पॉइंट देखा जो कि महल की ऊंचाई के लगभग बराबर ही था और उन्होंने यहां से एक कैनाल की खुदाई करी मतलब एक नहर बनाई जो डायरेक्टली पानी लेकर जाती थी महल के अंदर लेकिन यह करने से भी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुई क्योंकि नहर बनाने से पानी तो महल में पहुंच गया लेकिन महल का जो सिस्टम था जो बहुत ही ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड था उसमें प्रेशर के साथ पानी की रिक्वायरमेंट थी और ये जो नहर थी उतना प्रेशर दे नहीं पा रही थी।
अब मैं आपको बताता हूं सबसे खास पॉइंट ये जो महल है ना इसमें घड़ियां लगी हुई थी और ये घड़ियां पानी के प्रेशर से चलती थी और सही टाइम बताती थी और इसीलिए पानी का प्रेशर इतना जरूरी था यहां पर क्योंकि अगर प्रेशर थोड़ा सा भी कम होगा तो भैया घड़ी गलत टाइम बताएगी अब तो आप को इंटरेस्ट आने ही लग गया होगा कि पानी के प्रेशर से चलने वाली घड़ी ये तो हमने पहली बार सुना है लेकिन पहले चलते हैं वापस पानी के प्रेशर की प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं क्योंकि उसके बिना तो घड़ी काम करने से रही तो सबसे पहले बनाया गया पहाड़ी के ऊपर एक बहुत बड़ा पूल मतलब एक ओवरहेड वाटर टैंक समझ लो आप इसको और इसकी ऊंचाई नदी के हाइजेस्ट पॉइंट और पैलेस से भी ज्यादा ऊंची थी उसके बाद यहां से पानी को अगर पैलेस में पहुंचाया जाता तो वो फुल प्रेशर के साथ जाता लेकिन सबसे बड़ा चैलेंज था इस ओवरहेड टैंक में पानी पहुंचाना जिसके लिए लगाया इंजीनियर्स ने दिमाग सबसे पहले तो जो वोटर टैंक था उससे नीचे एक सीधी सुरंग खोदी गई और इससे 60 मीटर नीचे अंदर पहाड़ी में बनाया गया एक कुआं ये जो कुआ था उसकी जो गहराई थी वो नदी के हाइजेस्ट पॉइंट से नीचे थी और उसके बाद नदी के हाइजेस्ट पॉइंट से इस कुएं तक बनाया गया पानी आने का रास्ता एक कैनल बनाया गया तो नदी के हाइजेस्ट पॉइंट से कुएं के अंदर पानी ऑटोमेटिक आकर इकट्ठा होने लग गया और जैसे ही कुआं भरा आता था यहां कुएं से पानी को ऊपर पहुंचाने के लिए पूल तक पहुंचाने के लिए एक ड्रम सिस्टम बनाया गया था मतलब ड्रम्स में पानी भरा आता था ऊपर पहुंचते थे ड्रम्स और ड्रम्स अपने आप पलट जाते थे ये सब आपने शायद बहुत सारी पुरानी हॉलीवुड की मूवीज में जरूर देखा होगा लेकिन ये जो मैकेनिज्म था ना इसको चलाने के लिए एक फोर्स चाहिए था और वो फोर्स मिलता था एनिमल्स से मतलब यहां पर जानवरों को लगा दिया जाता था जानवर चक्का घुमाते थे और इसमें लगे गियर सिस्टम की वजह से वो जो ड्रम थे वो नीचे से ऊपर पानी को लेकर आते थे इसको हाइड्रोलिक वाटर व्हील सिस्टम कहा जाता है और इससे कुएं में इकट्ठा हुआ पानी पूल तक पहुंचता था और पूल से पानी पहुंचता था पैलेस में क्योंकि पैलेस की हाइट बहुत नीचे थी और ये जो ओवरहेड टैंक या पूल था इसकी हेड बहुत ज्यादा थी तो पानी के प्रेशर की प्रॉब्लम तो सॉल्व हो गई थी अब तो तुम्हें समझ में आ गया होगा कैसे यहां पर फाउंटेंस में इतने प्रेशर से पानी निकलता है।
यहां पर मौजूद नल थे यहां पर मौजूद थे बॉस वेसन यहां पर पानी से रिलेटेड हर वो मॉडर्न सुविधा थी 14 सेंचुरी की जो आज के जमाने में लोगों के घरों में हुआ करती है लेकिन सबसे स्पेशल चीज टाइम दिखाने वाली घड़ी जो वाटर के प्रेशर से चलती है और वो घड़ी आपको देखने से भी नहीं मिलेगी और वो घड़ी है इन विजिबल घड़ी तो ये है एक फाउंटेन जिसमें लगे हुए हैं 12 शेर जो कि 12 घंटों को शो करते हैं और हर एक घंटे पर हर एक शेर के मुंह से पानी निकलने लगता है मतलब अगर एक शेर के मुंह से पानी निकल रहा है बोले तो 1 बजे हैं अगर दो शेर के मुंह से पानी निकल रहा है तो समझो 2 बजे हैं और ऐसे ही अगर नौ शेरों के मुंह से पानी निकल रहा है तो समझ जाओ कि 9:00 बज गए हैं और ये कमाल होता है इस बल की वजह से ये जो बॉल सारे शेरों के टॉप पर लगा हुआ है ना जो कि एक फाउंटेन की तरह दिखता है इसी के अंदर है सारी कारीगरी इसमें छोटे-छोटे छेद बनाए गए हैं कुछ इस तरीके से कि जब ये बॉल भरा जाता है फाउंटेन से निकलने वाले पानी की वजह से तो एक छेद भरने से लेकर दूसरे छेद भरने के बीच का जो टाइम होता है वो एग्जैक्ट वन आवर होता है तो इस तरीके से धीरे-धीरे हर एक-एक घंटे में बॉल भर जाता है और एक-एक करके शेर के मुंह से पानी निकलने लगता है और इस तरीके से बिना किसी घड़ी के महल में रहने वाले राजाओं को टाइम का पता लगता रहता था अब आप सोच रहे होगे ना 12:00 बज गए और पूरा कुंड भरा गया देन उसके बाद क्या तो आपको जानकर हैरानी होगी कि 12 बजते ही मतलब 12 शेरों के मुंह से जैसे ही पानी निकलने लगता था ये घड़ी फिर से खुद बखुदा एक हाइड्रोलिक सिस्टम है जैसे-जैसे कि पानी कुंड में ऊपर भरता था वैसे ही वैसे इसके अंदर मौजूद एक नली में पानी का लेवल सेम उसी लेवल पर बढ़ता जाता था और यहां पर ये जो डिजाइन वाला कर्व बना हुआ है ना इसके टॉप पर आते आते 12:00 बज जाते थे और यहां पर आकर पानी रुक जाता था और जैसे ही पानी इस कर्व के बैरियर को क्रॉस करता था एक वैक्यूम क्रिएट होता था जिसकी वजह से पूरा बाउल विदन मिनट खाली हो जाता था और ये जो बाउल का पानी खाली होता था ये जाता था सीधे एक अंडरग्राउंड टनल के थ्रू बॉयलर के अंदर जहां पर ये पानी गर्म होता था और ये अपने आप पहुंचता था एक अंडरग्राउंड फर्श के नीचे मौजूद वायर की ग्रिड में जिससे कि राजा के बाथरूम का स्टीम रूम का जो फर्ज था वो गर्म रहता था और ये जो गर्म पानी टनल से होकर गुजरता था
उसके बाद ये और ज्यादा गर्म किया जा जाता था और फिर बनती थी इससे स्टीम तो राजा और उसके जो दोस्त थे वो स्टीम का मजा लेते थे।
ये महल का सबसे हाइजेस्ट पॉइंट है यहां पर भी पानी फुल प्रेशर से आता था लेकिन यहां पर एक सीधी खड़ी चढ़ाई थी जहां पर 6 मीटर ऊंचाई पर पानी को चढ़ाना था और इसके लिए उन्होंने यूज किया एक वर्ल पूल सिस्टम का मतलब यहां पर पानी एक कुंड में आकर भरा जाता था उस कुंड का स्ट्रक्चर ऐसा था जिससे पानी जब ड्रेन होता था तो एक वर्ल पूल बनता था जिससे एयर के छोटे-छोटे बबल पानी में मिक्स हो जाते थे और पानी हल्का हो जाता था जिसकी वजह से वो पानी ऑटोमेटिक 6 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ जाता था ग्रेविटी कहां गई इसमें ग्रेविटी जेसी ऐसी कोई चीज ही नहीं होती है मतलब लिटरली सोच रहे हो आप इन लोगों ने उस टाइम पर क्या दिमाग लगाया था जो फैसिलिटी आज के जमाने में लोगों को बिजली मोटर और टेक्नोलॉजी की वजह से मिल रही है विदाउट एनी प्लास्टिक विदाउट इलेक्ट्रिसिटी विदाउट वाटर वेस्टेज इन लोगों ने वो सारी फैसिलिटी अचीव कर ली थी बिल्कुल नेचुरल तरीके से सिंपल फिजिक्स लगाकर मतलब लिटरली जब भी मैं किसी बड़े महल या पैलेस में या फिर किसी हिस्टोरिकल प्लेस पर घूम ने जाता था तो हमेशा यही सोचता था कि जो हमारे एंसेट हैं या पुराने जमाने के जो लोग थे दुनिया भर के वो लोग कितने एडवांस थे कि वो इतनी बढ़िया-बढ़िया इमारतें बना लेते थे जो आज के जमाने में लोग नहीं बना पाते आजकल हम लोग जो बिल्डिंग बनाते हैं वो मतलब कैसे अजीब सी दिखती है मतलब जो भी ओवरहेड ब्रिज बनते हैं या जो बिल्डिंग्स बनती है उनमें वो कारीगरी नक्काशी वो खूबसूरती नहीं होती लेकिन आज जब इस पैलेस के बारे में मैं आपको बता रहा हूं तो मुझे खुद गूस बंप आ रहे हैं कि पहले के लोग केवल खूबसूरती पर ध्यान नहीं देते थे वो फिजिक्स के सिंपल लॉज से ऐसे-ऐसे मिरेकल करके दिखाते थे जो आज के जमाने में लोग सोच ही नहीं पाते एनीवे जो भी हिस्टोरिकल इनोवेशंस है और प्लेसेस है वो हमेशा से ही मुझे काफी फैसटिकट लगे हैं।
इस पैलेस (महल) को बनाया किसने था?
इस पैलेस को बनाया गया था मोहम्मद बिन यूसुफ बेन नसर के द्वारा जिनको लोग अल महर के नाम से भी जानते हैं और शायद उन्हीं के नाम पे इस पैलेस का नाम पड़ गया अलबरा पैलेस मतलब लिटरली काफी ज्यादा ही बड़ा नाम था।
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